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Dainik Bhaskar कांग्रेस को ₹1745 करोड़ का नया टैक्स नोटिस:IT ने कुल ₹3567 करोड़ की देनदारी निकाली; दो दिन पहले 1823 करोड़ का नोटिस भेजा था

आयकर विभाग ने कांग्रेस को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नए नोटिस दिए हैं। इनमें 2014 से 2017 के लिए 1745 करोड़ रुपए के टैक्स की डिमांड की गई है। इन ताजा नोटिस के साथ कांग्रेस पर टैक्स डिमांड बढ़कर 3567 करोड़ रुपए हो गई है। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक 2014-15 के लिए 663 करोड़ रुपए, 2015-16 के लिए 664 करोड़ रुपए और 2016-17 के लिए 417 करोड़ रुपए का टैक्स डिमांड नोटिस कांग्रेस को भेजा गया है। दो दिन पहले मिला था 1800 करोड़ का नोटिस कांग्रेस को 2 दिन पहले यानी 29 मार्च को ही शुक्रवार को आयकर विभाग से नोटिस मिला था। जिसमें करीब 1823 करोड़ रुपए का भुगतान करने कहा गया है। यह डिमांड नोटिस 2017-18 से 2020-21 के लिए है। इसमें जुर्माने के साथ ब्याज भी शामिल हैं। टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने पिछले सालों से जुड़ी टैक्स डिमांड के लिए पार्टी के खातों से 135 करोड़ रुपए पहले ही वसूल कर लिए हैं। हालांकि कांग्रेस ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है, जिस पर सोमवार को सुनवाई हो सकती है। दिल्ली HC ने कहा था- खातों में कई लेन-देन बेहिसाब थे कांग्रेस ने चार साल (2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21) के लिए इनकम टैक्स रीअसेसमेंट प्रोसिडिंग शुरू करने के खिलाफ याचिका दायर की थी। दिल्ली HC की जस्टिस यशवंत वर्मा और जस्टिस पुरुषेंद्र कौरव की बेंच ने 28 मार्च को याचिका खारिज करते हुए कहा था कि कांग्रेस के खातों में कई बेहिसाब लेनदेन थे। इनकम टैक्स अधिकारियों के पास टैक्स असेसमेंट पर एक्शन लेने के लिए ठोस सबूत थे, इसलिए एक्शन लिया गया है। कांग्रेस ने दिल्ली हाईकोर्ट में यह याचिका चार साल (2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21) के लिए इनकम टैक्स रीअसेसमेंट प्रोसीडिंग शुरू करने के खिलाफ दायर की थी। इससे पहले भी कांग्रेस ने 2014-15 से 2016-17 से असेसमेंट प्रोसीडिंग को चुनौती दी थी। उसे भी कोर्ट ने खारिज कर दिया था। 3 याचिकाएं पहले भी खारिज हो चुकीं 25 मार्च को भी कोर्ट ने कांग्रेस की तीन याचिकाएं यह कहते हुए खारिज कर दी थीं कि कांग्रेस ने मूल्यांकन पूरा होने का समय खत्म होने से कुछ दिन पहले और प्रोसिडिंग के लास्ट स्टेज में कोर्ट में अपील करने का विकल्प चुना है। 8 मार्च को कोर्ट ने इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (ITAT) के आदेश को बरकरार रखा था। ट्रिब्यूनल ने 2018-19 के लिए 100 करोड़ रुपए से ज्यादा क

Dainik Bhaskar मुंबई में पोर्न शूट करने वाले 13 लोग गिरफ्तार:पुलिस को कैमरे और वीडियो मिले, अश्लीलता फैलाने का केस दर्ज

पुणे के लोनावला में अश्लील वीडियो बनाने वाले 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक, अर्णव विला में यह गोरखधंधा दो दिन से चल रहा था। यहां अलग-अलग राज्यों के युवक-युवतियां पकड़े गए हैं। पुलिस को कुछ अश्लील वीडियो मिले हैं, जिनकी जांच पड़ताल की जा रही है। सभी आरोपियों के खिलाफ अश्लीलता फैलाने को लेकर केस दर्ज किया गया है। साथ ही विला किराए पर देने वाले तीन लोगों पर भी FIR दर्ज की गई है। अश्लील OTT प्लेटफॉर्म के लिए शूटिंग हो रही थी पुलिस ने बताया कि उन्हें लोनावला के पाटन गांव में बने अर्णव विला में यह शूटिंग चलने की सूचना मिली थी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छापा मारा तो 13 लोग पकड़े गए। कार्रवाई के दौरान अश्लील वीडियो 6.72 लाख रुपए के 2 कैमरे और कुछ अन्य सामान जब्त किया गया है। 30,000 रुपए के किराए पर बंगला लिया था आरोपियों ने 30,000 रुपए में किराए पर बंगला लिया था। आरोपी OTT प्लेटफॉर्म के अलावा कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और वेबसाइट पर भी अश्लील वीडियो अपलोड करते थे। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार युवक और युवतियों में ज्यादातर पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात और उत्तराखंड से हैं। सरकार ने अश्लील कंटेंट दिखाने वाले 18 OTT प्लेटफॉर्म बैन किया केंद्र सरकार ने 14 मार्च को अश्लील कंटेंट प्रसारित करने वाले 18 OTT प्लेटफॉर्म पर बैन लगा दिया। इसके साथ 19 वेबसाइट्स, 10 ऐप्स और 57 सोशल मीडिया हैंडल्स भी ब्लॉक कर दिए हैं। ये ऐप, OTT प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एंटरटेनमेंट के नाम पर अश्लील और आपत्तिजनक वीडियो पेश कर रहे थे। इससे पहले इन OTT ऐप्स को कई बार चेतावनी दी गई थी, इसके बावजूद इनके कंटेंट में किसी तरह का सुधार नहीं पाया गया। 12 मार्च को केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय की बैठक में यह फैसला ले लिया गया था। पूरी खबर पढ़ें ... ये खबर भी पढ़ें ... UP में सेक्स रैकेट चलाने की सूचना पर रेस्टोरेंट में छापेमारी, 5 जोड़ों सहित 12 लोग गिरफ्तार UP के आजमगढ़ में पुलिस और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की टीम ने छापेमारी की। पुलिस के छापेमारी के दौरान 5 जोड़ों सहित होटल के मालिक और मैनेजर के साथ 12 लोगों को हिरासत में लिया। विशेष सूचना पर पुलिस टीम द्वारा की कार्रवाई की गई। हालांकि, इस दौरान कुछ लोग भागने में भी सफल रहे। पूरी खबर पढ़ें ...

Dainik Bhaskar विश्व भारती यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पर यौन शोषण का आरोप:लड़कियों को मैसेज भेजे, लिखा- रात गुजारो तो एग्जाम पास करवा दूंगा

कोलकाता में विश्वभारती यूनिवर्सिटी की तीन छात्राओं ने एक गेस्ट प्रोफेसर के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। इनका आरोप है कि इस प्रोफेसर ने सेमेस्टर परीक्षा में पास कराने के बदले में शारीरिक संबंध बनाने की मांग की। यूनिवर्सिटी के फारसी, उर्दू और इस्लामिक स्टडी डिपार्टमेंट में पढ़ने वाली तीनों स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया कि प्रोफेसर ने उन्हें वॉट्सएप पर अश्लील मैसेज भी भेजे और कई बार उन्हें गलत तरीके से छुआ। छात्राओं ने 28 मार्च को शांतिनिकेतन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने बताया कि परीक्षा में फेल होने का डर दिखाकर उन्हें प्रताड़ित किया गया। छात्राएं सबूत लेकर थाने पहुंचीं। उन्होंने पुलिस को प्रोफेसर के भेजे मैसेज दिखाए। जिनमें उसने छात्राओं से अलग से मिलने और रात गुजारने की भी बात लिखी थी। प्रोफेसर बोला- मुझे फंसाया जा रहा है हालांकि, आरोपी प्रोफेसर ने विश्व भारती के छात्राओं की शिकायत को खारिज कर दिया। प्रोफेसर ने कहा- ''मैं इस वक्त बोलपुर में नहीं हूं। बाहर हूं। मैं इस बारे में कुछ नहीं जानता। मुझे फंसाया जा रहा है।वॉट्सएप पर अगर किसी छात्र को कोई मैसेज भेजा जाता है तो वह पढ़ाई को लेकर होता है। उनका किसी और से कोई रिश्ता नहीं है। मैं यहां इतने लंबे समय से पढ़ा रहा हूं। पहले कभी भी मेरे खिलाफ इस तरह के आरोप नहीं लगे।'' अक्सर विवादों में रहती है विश्व भारती यूनिवर्सिटी यह पहला मौका नहीं है, जब विश्व भारती का नाम विवादों में आया है। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित शांतिनिकेतन को सितंबर 2023 में यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल किया गया। नवंबर में यूनिवर्सिटी में एक शिलापट्‌ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वाइस चांसलर का नाम लिखी पट्‌टिका लगाई गई, जिस पर जमकर विवाद हुआ था। 7 दिसंबर को विवादित पट्टिका को बदल दिया गया। यूनिवर्सिटी फैकल्टी एसोसिएशन ने कहा- जल्द जांच होनी चाहिए विश्व भारती यूनिवर्सिटी फैकल्टी एसोसिएशन के प्रवक्ता सुदीप्त भट्टाचार्य ने कहा कि आरोपों की जल्द से जल्द उचित जांच की जानी चाहिए। विश्व भारती के एक अधिकारी ने बताया कि अगर तीनों छात्राएं सेंट्रल यूनिवर्सिटी आईसीसी (आंतरिक शिकायत समिति) से संपर्क करती हैं, तो वह आरोपों पर गौर करेगी और उचित कार्रवाई करेगी। शांति निकेतन से जुड़ा इतिहास शांतिनिकेतन की शुरुआत रविंद्रनाथ टैगोर के प

Dainik Bhaskar UP में नया गठबंधन, ओवैसी ने पल्लवी से हाथ मिलाया:35 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी; थोड़ी देर में प्रेस कॉन्फ्रेंस

लोकसभा चुनाव के लिए यूपी में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM की एंट्री हो गई है। AIMIM ने पल्लवी पटेल की पार्टी अपना दल (कमेरावादी) से गठबंधन किया है। चर्चा है कि 35 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी है। लखनऊ में दोपहर 2 बजे पल्लवी और असदुद्दीन ओवैसी प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के PDA के मुकाबले में पल्लवी पिछड़ा, दलित और मुस्लिम नेताओं यानी PDM को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रही हैं। इसके लिए उन्होंने यूपी में साइलेंट चल रहे असदुद्दीन ओवैसी से हाथ मिलाया है। 2024 में अखिलेश को मिला था ओवैसी का साथ 2014 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश ने आजमगढ़, रामपुर, मुरादाबाद, संभल समेत 5 सीटों पर जीत हासिल की थी। उन्हें मुस्लिम वोटर्स का साथ मिला था। अब ओवैसी के साथ अपना दल (कमेरावादी) के आने से मुस्लिम वोटर्स को नए विकल्प मिलेंगे। ध्रुवीकरण की इस सियासत में अखिलेश को पश्चिम की सीटों पर नुकसान हो सकता है। पल्लवी की बगावत, अखिलेश से बात तक नहीं की 20 मार्च को अखिलेश यादव को बिना बताए पल्लवी पटेल ने अपनी पंसद की 3 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। ये सीटें- फूलपुर, मिर्जापुर और कौशांबी थीं। पल्लवी के ऐलान के 3 घंटे बाद ही सपा ने मिर्जापुर से राजेंद्र एस बिंद को टिकट दे दिया था। दरअसल, हुआ यूं कि 20 मार्च को पार्टी की केंद्रीय कार्य समिति की बैठक हुई। मीटिंग के बाद पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने कहा कि हम I.N.D.I गठबंधन में लंबे समय से हैं। इसके तहत ही हमने 3 सीटों की घोषणा की। पार्टी के इस ऐलान को लेकर दैनिक भास्कर ने पल्लवी पटेल से बातचीत की थी। उन्होंने कहा कि हमें फूलपुर, मिर्जापुर और कौशांबी सीटें चाहिए। अब गठबंधन तय करेगा कि हमने जो सीटें मांगी हैं, वह देगा या नहीं? कांग्रेस से भी जवाब नहीं मिलने पर पल्लवी नए विकल्प की तलाश में जुट गईं। अब पल्लवी ने ओवैसी के साथ गठबंधन किया है। राज्यसभा चुनाव में भी पल्लवी और अखिलेश के बीच तल्खी सामने आई थी यूपी में राज्यसभा चुनाव में भी पल्लवी पटेल और अखिलेश यादव के बीच तल्खी सामने आई थी। पल्लवी ने पहले राज्यसभा चुनाव में सपा के उम्मीदवारों को वोट नहीं देने की बात कही। हालांकि, बाद में उन्होंने सपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया। मगर, वह मतदान करने तब पहुंचीं, जब अखिलेश सदन से चले गए थे। दरअसल,

Dainik Bhaskar PM मोदी बोले- कांग्रेस ने कच्चाथीवू द्वीप श्रीलंका को दिया:RTI रिपोर्ट का हवाला देकर कहा- कांग्रेस पर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दावा किया कि कांग्रेस ने कच्चाथीवू द्वीप श्रीलंका को दे दिया है। इससे हर भारतीय नाराज है। कांग्रेस पर कभी भी भरोसा नहीं किया जा सकता है। उसने 75 साल में भारत की एकता और अखंडता को कमजोर किया है। PM ने कच्चाथीवू पर RTI रिपोर्ट का हवाला देकर सोशल मीडिया पर यह बात कही। RTI रिपोर्ट में बताया गया है कि 1974 में इंदिरा गांधी की सरकार ने इस द्वीप को श्रीलंका को गिफ्ट कर दिया था। तमिलनाडु भाजपा चीफ अन्नामलाई ने RTI दाखिल की, रिपोर्ट के 4 पॉइंट 1. तमिलनाडु भाजपा चीफ के.अन्नामलाई ने कच्चाथीवू के बारे में जानकारी को लेकर RTI दायर की थी। इसमें लिखा है कि साल 1974 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और श्रीलंका की राष्ट्रपति श्रीमावो भंडारनायके ने एक समझौता किया था। इसके तहत कच्चाथीवू द्वीप को श्रीलंका को औपचारिक रूप से सौंप दिया था। 2. रिपोर्ट के मुताबिक, इंदिरा ने तमिलनाडु में लोकसभा कैंपेन को देखते हुए यह समझौता किया था। 1974 में इंदिरा गांधी की सरकार ने इस द्वीप को श्रीलंका को गिफ्ट कर दिया था। 3. 1974 में दोनों देशों के बीच दो बैठक हुई थी। पहली बैठक 26 जून को कोलंबो में और दूसरी 28 जून को दिल्ली में हुई। दोनों बैठकों में द्वीप श्रीलंका को देने पर सहमति बनी। 4. रिपोर्ट में कहा गया कि समझौते में कुछ शर्तें रखी गईं जैसे- भारतीय मछुआरे अपना जाल सुखाने के लिए इस द्वीप पर जा सकेंगे। द्वीप पर बने चर्च में भारतीय लोग की बिना वीजा एंट्री होगी। तमिलनाडु सरकार ने समझौते का विरोध किया था जब भारत सरकार ने इस द्वीप को लेकर श्रीलंका के साथ समझौता किया था तो तमिलनाडु सरकार ने इसका विरोध किया था। तब तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि ने PM इंदिरा गांधी को पत्र लिखकर कहा था कि ये द्वीप ऐतिहासिक रूप से रामनाद साम्राज्य की जमींदारी का हिस्सा है। ऐसे में भारत सरकार को किसी भी कीमत पर ये इलाका श्रीलंका को नहीं देना चाहिए। हालांकि इस समझौते के तहत भारतीय मछुआरों को यहां मछली मारने और जाल सुखाने की इजाजत दी गई थी। इसी वजह से भारतीय मछुआरे वहां जाते रहते थे, लेकिन 2009 के बाद श्रीलंका नौसेना वहां जाने वाले भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार करने लगी। मोदी कच्चाथीवू का मुद्दा संसद में भी उठा चुके हैं 10 अगस्त 2023 को PM मोदी ने सदन में भी अविश्वा

Dainik Bhaskar केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के काफिले पर हमला:प्रचार के दौरान पथराव, 6 गाड़ियों के शीशे टूटे; खेतों के रास्ते भागे हमलावर

केंद्रीय राज्य मंत्री और मुजफ्फरनगर लोकसभा प्रत्याशी डॉ. संजीव बालियान के काफिले की गाड़ियों पर शनिवार रात हमला हुआ। गाड़ियों पर पथराव किया गया। कई गाड़ियों के शीशे टूट गए हैं। प्रचार के दौरान अफरा-तफरी मच गई। बीजेपी समर्थकों ने गांव में जमकर हंगामा किया। दरअसल, मढ़करीमपुर गांव में प्रधानपति राकेश कुमार के यहां कार्यक्रम रखा गया था। संजीव बालियान का काफिला गांव में पहुंचा। मंत्री के स्वागत के बाद पूर्व विधायक विक्रम सैनी का भाषण चल रहा था। इसी दौरान लोग उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी होने लगी। कुछ युवकों ने उनके काफिले में शामिल खड़ी गाड़ियों पर पथराव कर दिया। छह गाड़ियों के आगे और पीछे के शीशे चकनाचूर हो गए। सूचना मिलते ही भारी संख्या में पुलिस बल के साथ अधिकारी मौके पर पहुंचे। बीजेपी समर्थकों को किसी तरह से समझाकर शांत कराया। मंत्री संजीव बालियान को सकुशल बाहर निकाला गया। पहले घटना की 3 तस्वीरें देखिए... युवकों ने पहले नारेबाजी की, फिर चलाए पत्थर शनिवार को कस्बा खतौली में मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान के चुनावी कार्यालय का उद्घाटन समारोह था। जिसमें केंद्रीय राज्यमंत्री नहीं पहुंचे। इसके बाद देर शाम खतौली थाना क्षेत्र के गांव मढ़करीमपुर में राकेश कुमार के यहां स्वागत समारोह कार्यक्रम रखा गया था। इस कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ संजीव बालियान काफिले के साथ गांव में पहुंचे। यहां मंत्री के स्वागत के बाद पूर्व विधायक विक्रम सैनी का भाषण चल रहा था। इसी दौरान कुछ युवकों ने सड़क किनारे खड़े होकर पहले नारेबाजी करनी शुरू कर दी। 6 गाड़ियों के आगे और पीछे के शीशे चकनाचूर वहां मौजूद लोगों ने उन्हें शांत कराने की कोशिश की तो युवक उग्र हो गए। युवकों ने कंद्रीय मंत्री के काफिले में शामिल खड़ी गाड़ियों पर पथराव करना शुरू कर दिया। इससे वहां खड़ी छह गाड़ियों के आगे और पीछे के शीशे टूटकर चकनाचूर हो गए। इसके बाद वहां तैनात पुलिस और बीजेपी समर्थकों ने युवकों को पकड़ने की कोशिश की गई। लेकिन वह खेतों के रास्ते भाग गए। घटना के बाद मंत्री के समर्थकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। युवकों पर कार्रवाई की मांग करने लगे। पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे सीओ मौके पर खतौली सीओ यतेंद्र सिंह नागर, इंस्पेक्टर उमेश कुमार रोरिया पु

Dainik Bhaskar मेरठ में मंच पर मोदी-योगी के साथ दिखेंगे जयंत:चुनावी ऐलान के बाद PM पहली रैली करेंगे; हरियाणा के सीएम और राजभर भी मौजूद रहेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार 31 मार्च को मेरठ में चुनावी रैली करेंगे। लोकसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान के बाद पीएम की यह पहली रैली होगी। पीएम मोदी और सीएम योगी के साथ मंच पर RLD प्रमुख जयंत चौधरी नजर आएंगे। 2014, 2019 के बाद ये तीसरा मौका है, जब PM वेस्ट यूपी से यूपी से चुनाव प्रचार की शुरुआत कर रहे हैं। पीएम दोपहर 3.15 बजे मेरठ आलू शोध संस्थान के मैदान में बने हैलीपेड पर उतरेंगे। 4 बजे मंच पर आएंगे और चुनावी संबोधन देंगे। अनुमान है कि पीएम को सुनने के लिए 2 लाख लोग पहुंचेंगे। Bjp ने रैली को भारत रत्न चौधरी चरण सिंह गौरव समारोह नाम दिया है। शनिवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी मेरठ पहुंचे थे। यहां उन्होंने जनसभा स्थल पर तैयारियों का जायजा लिया। SGP 3 दिन से मेरठ में डेरा डाले हुए है। PM ट्रिपल लेयर सुरक्षा घेरे में होंगे। मंच पर NDA का पूरा कुनबा होगा मंच पर मोदी के साथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, क्षेत्रीय अध्यक्ष सहित लक्ष्मीकांत वाजपेयी होंगे। इसके अलावा सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर, निषाद पार्टी के संजय निषाद और अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल भी होंगी। 5 लोकसभा सीटों के 23 विधायकों सहित अन्य संगठन नेता भी मौजूद रहेंगे। वेस्ट यूपी की 5 लोकसभा सीट को साधेंगे पीएम इस बार रालोद और भाजपा मिलकर चुनाव लड़ रही है। रालोद को पश्चिमी यूपी में भाजपा ने 2 सीटें दी है। रालोद ने बागपत से डॉ. राजकुमार सांगवान और बिजनौर से चंदन चौहान को टिकट दिया है। बीजेपी ने मेरठ से अरुण गोविल, मुजफ्फरनगर से डॉ. संजीव बालियान, कैराना प्रदीप चौधरी को चुनावी मैदान उतारा है। पीएम मोदी रैली से इन्हीं 5 लोकसभा सीटों को साधेंगे। मंच से पिछड़ों को संदेश, पूर्वांचल तक असर मिशन 2024 को साधने में जुटी भाजपा ने प्रधानमंत्री के बहाने ऐसा मंच सजाया है, जहां से पिछड़ा और अति पिछड़ा वोटों की गठरी को और कसा जा सके। मंच पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के होने से पश्चिम यूपी का सैनी वोट सधेगा। वहीं, केंद्रीय अनुप्रिया पटेल, ओम प्रकाश राजभर और संजय निषाद के जरिए पूर्वांचल तक के पिछड़ों को साधने को कोशिश होगी।

Dainik Bhaskar जस्टिस नागरत्ना बोलीं-नोटबंदी से काला धन सफेद में बदला:राजभवन से बिल की मंजूरी में देरी को लेकर कहा- गवर्नर संविधान का पालन करें

सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बीवी नागरत्ना ने नोटबंदी पर सवाल उठाए। उन्होंने हैदराबाद में नालसार यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ में ‘कोर्ट्स एंड द कॉन्स्टिट्यूशन’ सम्मेलन में शनिवार को कहा- नोटबंदी से काला धन सफेद में बदला। हम ​सब जानते हैं कि 8 नवंबर 2016 को क्या हुआ था। तब चलन में 86% करेंसी 500 और 1000 रुपये की थी। उन्होंने कहा- उस मजदूर की कल्पना कीजिए जिसे रोजमर्रा की जरूरतों के लिए नोटों को बदलना पड़ा। इसके बाद 98% करेंसी वापस आ गई, तो कालेधन का खात्मा कहां हुआ (जो उसका लक्ष्य था)? तो मैंने सोचा (उस समय) कि यह कालेधन को सफेद बनाने का एक अच्छा तरीका था, जिससे बेनामी नकदी सिस्टम में शामिल हो रही थी। इसके बाद आयकर कार्यवाही का क्या हुआ, यह हम नहीं जानते। दरअसल, बीते साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने नोटबंदी के फैसले को 4-1 से वैध ठहराया था। उस बेंच की सदस्य रहीं जस्टिस नागरत्ना ने नोटबंदी को असंवैधानिक करार दिया था। इसके अलावा उन्होंने राज्यों-राज्यपालों के बीच विवाद पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि हाल ही में यह चलन बन गया है कि राज्यपाल द्वारा बिलों को मंजूरी देने में चूक या उनके द्वारा किए जाने वाले अन्य कार्य मुकदमेबाजी का मुद्दा बन जाते हैं। यह एक गंभीर संवैधानिक पद है और राज्यपालों को संविधान के अनुसार काम करना चाहिए ताकि ऐसे मुकदमे कम हों। दरअसल, हाल ही में केरल और तमिलनाडु की राज्य सरकारों ने गवर्नर पर बिल रोकने और लटकाने के आरोप लगाए थे। इसे लेकर नागरत्ना ने कहा- राज्यपालों को यह बताया जाना ठीक नहीं है कि उन्हें क्या करना है या नहीं करना है। मुझे लगता है अब वह समय आ गया है जहां उन्हें बताया जाएगा कि वे संविधान के अनुसार कर्तव्यों का पालन करें। सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ नागरत्ना ने नोटबंदी का विरोध किया था 2 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने नोटबंदी पर अपना फैसला सुनाया था। संविधान पीठ ने फैसला चार-एक के बहुमत से सुनाया है। जस्टिस एस अब्दुल नजीर, बीआर गवई, एएस बोपन्ना और वी रामसुब्रमण्यम ने कहा है कि नोटबंदी की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं है। सिर्फ जस्टिस बीवी नागरत्ना ने बहुमत से अलग राय देते हुए नोटबंदी के फैसले को ‘गैरकानूनी’ करार दिया है। पढ़िए उन्होंने नोटबंदी के खिलाफ क्या कहा था... जस्टिस नागरत्ना के 4 बड़े फैसलों

Dainik Bhaskar यूपी में कांग्रेस की 17 सीटों का एनालिसिस:4 सीटों पर 40 साल से नहीं मिली जीत, 11 सीटों पर जमानत हुई जब्त, 3 पर दूसरे नंबर रही

यूपी में 2024 में कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। अब तक 13 सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए हैं, जबकि रायबरेली, अमेठी समेत 4 सीटों में अभी प्रत्याशियों की तलाश चल रही है। 2019 में इन्हीं 17 में से 15 सीटों पर कांग्रेस चुनाव हार गई थी। 11 सीटों पर प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो गई। मात्र तीन सीटों पर कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही। 2019 में कांग्रेस अकेले थी, तब पार्टी को प्रदेश में 6.4% वोट मिले। इन 17 सीटों में 6 सीटें ऐसी भी हैं, जहां 2009 में कांग्रेस ने जीत दर्ज कराई थी। इनमें 4 सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस को 40 साल से जीत नहीं मिली है। वहीं 5 सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस को 15 साल से नहीं जीत पाई है। ऐसे में इस बार के चुनाव में कांग्रेस को इन सीटों पर गठबंधन का क्या फायदा मिलेगा? उसकी रणनीति क्या है? चलिए जानते हैं... सहारनपुर: 40 साल बाद जीत की चुनौती 2024 में कांग्रेस ने बसपा से निष्कासित इमरान मसूद पर दांव लगाया है। जबकि बसपा ने माजिद अली को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने राघव लखनपाल को टिकट दिया है। सहारनपुर में 41% मुस्लिम वोटर्स निर्णायक रहते हैं। यही वजह है कि बसपा ने माजिद अली के जरिए मुस्लिम वोटर्स में सेंधमारी की कोशिश की। कांग्रेस को सपा का साथ है, इसलिए इमरान मसूद ज्यादा मजबूत स्थिति में दिख रहे हैं। अब सहारनपुर सीट का इतिहास देखें तो 1952 से 1977 तक कांग्रेस का कब्जा रहा। इसके बाद जनता पार्टी का सांसद जीता था। 1984 में कांग्रेस फिर लौटी, लेकिन वो कांग्रेस की आखिरी जीत रही। फिर भाजपा और बसपा ही सहारनपुर से जीतते रहे हैं। अमरोहा: मुस्लिम-दलित वोट से कांग्रेस को उम्मीद अमरोहा पर कांग्रेस ने मौजूदा बसपा सांसद दानिश अली को टिकट दिया है। चुनाव से ठीक पहले दानिश ने कांग्रेस जॉइन कर ली। वोटों के ध्रुवीकरण के लिए बसपा ने यहां मुजाहिद हुसैन को उतारा है। भाजपा ने यहां अनुभवी चेहरे कंवर सिंह तंवर पर दांव खेला है। 2019 और 2014 में भी भाजपा ने कंवर सिंह तंवर को उतारा था। 2014 में कवंर सिंह तंवर ने जीत दर्ज की थी। अमरोहा सीट पर 1957-62 तक कांग्रेस के सांसद जीतते आए हैं। 1967-71 कम्युनिस्ट पार्टी आ गई। 1984 तक भारतीय लोक दल और जनता पार्टी कब्जा रहा। सहारनपुर की तरह अमरोहा में भी कांग्रेस 1984 में आखिरी चुनाव जीती थी। सपा के साथ गठबंधन करके कांग्रेस 40 साल का सूखा खत

Dainik Bhaskar भास्कर अपडेट्स:दिल्ली के बुराड़ी में IGL पाइपलाइन के लीकेज से आग लगी, एक की मौत

दिल्ली के बुराड़ी के प्रदीप विहार इलाके में IGL पाइपलाइन लीकेज की वजह से आग लगने से आग लग गई। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि दूसरा व्यक्ति घायल हो गया। तीन फायर टेंडर्स ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाई। हालांकि गैस के लीकेज को रोकने का काम जारी है। आज की अन्य प्रमुख खबरें... महाराष्ट्र के भिवंडी में गोदाम में लगी आग, किसी के घायल होने की खबर नहीं महाराष्ट्र के भिवंडी में एक स्क्रैप गोदाम में भीषण आग लगी है। दो फायर टेंडरों ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाई। हादसे में घायल होने की खबर नहीं है।

Dainik Bhaskar मुख्तार को मिट्टी देने नहीं आई अफशां:2 साल से फरार, 75 हजार का इनाम; अतीक-अशरफ की पत्नियां भी जनाजे में नहीं आई थीं

30 मार्च की सुबह मुख्तार अंसारी के साथ उसका रसूख भी दफन हो गया। घर से 900 मीटर दूर काली बाग कब्रिस्तान तक चले जनाजे में हजारों लोग शामिल हुए। करीब दो साल से फरार चल रही अफशां जनाजे में शामिल होने नहीं आई। अफशां को दो जिलों की पुलिस खोज रही है। 75 हजार का इनाम है। पिछले साल 16 अप्रैल को अतीक-अशरफ के जनाजे में भी दोनों की पत्नियां नहीं आई थीं। इन बाहुबलियों के आपराधिक इतिहास में इनकी पत्नियों की भी भूमिका रही है। यही कारण है कि जब इनकी मौत हुई तब इनकी पत्नियां आखिरी बार इन्हें देख तक नहीं सकीं। अफवाह उड़ी अफशां ने मुख्तार को वीडियो कॉल से देखा 30 मार्च को जब मुख्तार अंसारी का जनाजा काली बाग कब्रिस्तान के लिए निकला तब अफवाह फैली कि मुख्तार के ही एक रिश्तेदार ने वीडियो कॉल के जरिए अफशां को आखिरी बार मुख्तार का चेहरा दिखाया। मीडिया में खबर चली। प्रशासन से पूछा गया तो उन्होंने साफ कह दिया कि ऐसी कोई भी जानकारी हमारे पास नहीं है। ​​आखिर अफशां फरार क्यों है? आइए समझते हैं। उसके पहले यह तस्वीर देखते हैं। अफशां पर पहली बार 2020 में मामला दर्ज हुआ मऊ जिले के रैनी गांव में ग्राम सभा के जरिए कुछ गरीबों को पट्टे पर जमीन दी गई। कुछ दिनों बाद इस जमीन को अफशां अंसारी और उसके दो भाई अनवर शहजाद व आतिफ रजा के नाम कर दिया गया। इन सबने मिलकर यहां विकास कंस्ट्रक्शन कंपनी बनाई और एक बड़ा सा गोदाम तैयार किया। उसे FCI को किराए पर दे दिया। 2020 में जमीन को लेकर तहसीलदार के पास शिकायत पहुंची। जांच हुई तो पता चला की गलत तरीके से जमीन पर कब्जा हुआ है। तहसीलदार की शिकायत पर अफशां समेत 5 लोगों पर केस दर्ज हुआ। रविंद्र नारायण सिंह और जाकिर हुसैन को गिरफ्तार किया गया। अफशां और उसके दो भाई फरार हो गए। फरारी के दौरान ही अफशां ने हाईकोर्ट में गिरफ्तारी रोकने के लिए याचिका दायर की, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। जुलाई 2022 में पुलिस को इनपुट मिला कि वह घर पर है, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही वह फरार हो गई। मनी लॉड्रिंग मामले में केस फिर गैंगस्टर बन गई अफशां पर दूसरा केस मनी लॉड्रिंग का दर्ज हुआ। ये मामला विकास कंस्ट्रक्शन कंपनी और आगाज कंस्ट्रक्शन कंपनी से जुड़ा था। दोनों कंपनियों पर अफशां के भाई का मालिकाना हक था। नवंबर 2020 में ईडी ने इस मामले में मुख्तार और अफजाल से भी पूछताछ की थी। 2022 में ईडी ने

Dainik Bhaskar मुख्तार की मौत पर न्यायिक जांच के 7 प्‍वांइट्स:टीम ने पूछा-लास्ट टाइम क्या खाया, खाना कौन टेस्ट करता था; बैरक नं-16 से लिए सैंपल

मुख्तार अंसारी की मौत पर लगातार उनके परिवार के लोग सवाल उठा रहे हैं। मुख्तार की मौत परिवार वालों के लिए एक साजिश है। उनका कहना है, मुख्तार को खाने में ऐसा जहर दिया जा रहा था, जो धीरे-धीरे उनके शरीर को कमजोर कर रहा था। यहां तक की मुख्तार वॉशरूम तक नहीं जा पा रहे थे। उनको 19 मार्च को जहर दिया गया। जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई। 25 तक उनका कोई इलाज नहीं किया गया। 26 को जब तबियत बहुत बिगड़ी तब उन्हें अस्पताल भेजा गया। फोन पर बात करके डॉक्टर देते थे भाई को दवा- अफजाल अंसारी मुख्तार के बड़े भाई अफजाल का कहना है, मुख्तार ने मुझे खुद बताया था- भइया मेरा पेट बहुत फूल गया है। गैस बहुत बन रही है। मुझे चक्कर आता है, मैं बेहोश हो जाता हूं। मुख्तार का इलाज भी वो डॉक्टर कर रहे थे जो उस फील्ड के थे ही नहीं। मुझे खुद डॉक्टर ने बताया था, वो फोन पर अपने दोस्तों से बात करके मुख्तार को दवा दे रहे। मेरे भाई की मौत बहुत बड़ी साजिश और एक बहुत बड़ी लापरवाही है। जिसकी जांच जरूर होनी चाहिए। परिवार के इन्हीं सब सवालों को देखते हुए मुख्तार अंसारी की मौत की न्यायिक जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया है। ये टीम शनिवार को बांदा जेल पहुंची थी। जहां पर 3 साल से मुख्तार बंद था। टीम ने जेल में 45 मिनट जांच और पूछताछ की। टीम हर उस जगह पर गई, जहां मुख्तार अपने दिन के कुछ घंटे बिताया करता था। टीम ने जेल में लगे सीसीटीवी देखे और मौके पर मौजूद लोगों से पूछताछ की। इस टीम में बांदा के जिला जज, डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल और एसपी अंकुर अग्रवाल शामिल हैं। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गरिमा सिंह को मामले में जांच अधिकारी नामित किया गया है। उनकी ही निगरानी में यह जांच शुरू की गई है। इस पूरे मामले की जांच कर 1 महीने में रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए गए हैं। जेल सूत्रों के मुताबिक जांच टीम शनिवार को दोपहर में 11:25 पर जेल के अंदर गई और 12:10 पर बाहर निकली। इस बीच टीम ने मुख्तार की बैरक नं-16 से जांच शुरू की जो खाना बनाने वाली जगह तक चली। 7 प्वाइंट्स में समझिए कि किन-किन एंगल्स पर टीम कर रही है मुख्तार केस की जांच- 1- जहां बनता था मुख्तार का खाना...वहां पहुंची टीम मुख्तार केस में बार-बार परिवार के लोग खाने में जहर देने की बात कह रहे हैं। यहां तक कि मुख्तार ने भी खुद को जहर देने की बात कोर्ट में कही थी। सूत्रों क

Dainik Bhaskar अखिलेश की रनर टू विनर स्ट्रैटजी:दूसरे नंबर पर रही 31 सीटों के लिए स्पेशल प्लान; प्रत्याशियों के सिलेक्शन, बूथ मैनेजमेंट से जीत का टारगेट सेट

2019 के लोकसभा चुनाव में 37 सीटों पर उतरी समाजवादी पार्टी 5 सीटें जीती, 31 पर रनरअप रही। ये चुनाव सपा ने बसपा-रालोद के साथ गठबंधन में लड़ा था। अब 2024 के सियासी सफर में अखिलेश यादव का सबसे ज्यादा फोकस रनरअप सीटों पर ही है। इस बार 63 सीटों पर चुनाव लड़ रही सपा ने इन रनरअप सीटों को जीतने के लिए प्रत्याशी, जातीय, धार्मिक और संगठन लेवल पर अलग रणनीति बनाई है। 31 रनरअप सीटों में 6 ऐसी हैं, जहां पार्टी 50 हजार से भी कम वोटों से हारी। 5 सीट ऐसी हैं, जहां कांग्रेस साथ होती तो सपा जीत सकती थी। 2024 में बसपा और रालोद से गठबंधन तो टूट गया है, लेकिन साइकिल को कांग्रेस के हाथ का साथ मिल गया है। आज संडे बिग स्टोरी में अखिलेश का रनरअप रही इन 31 सीटों का जितने का स्पेशल प्लान। सबसे पहले ग्राफिक में उन 37 सीटों का हाल…जिस पर 2019 में सपा चुनाव लड़ी... रनरअप सीटों में 11 पूर्वांचल से 8 पश्चिम की उत्तर प्रदेश में आजमगढ़, मैनपुरी, मुरादाबाद, संभल और रामपुर में सपा ने जीत हासिल की थी। इसके अलावा, दूसरे नंबर पर रही 31 सीटों में 11 सीटें पूर्वांचल, 8 सीटें पश्चिम उत्तर प्रदेश, 10 सीटें सेंट्रल यूपी और 2 सीटें बुंदेलखंड की हैं। बड़ी बात यह है कि इसमें कन्नौज, चंदौली और बलिया ऐसी सीटें हैं, जहां सपा 16 हजार से भी कम वोटों से हारी। 7 सीटें ऐसी हैं, जिनमें अगर कांग्रेस का साथ मिलता तो 3 सीटें जीत जाती और 4 पर जीत के करीब पहुंच जाती। यानी बिखरा हुआ वोट एक हो जाता तो ये 7 सीटें जीत सकती थी। इन सीटों में कन्नौज, चंदौली, बलिया, बदायूं, फिरोजाबाद, कौशांबी, बाराबंकी, बांदा, कैराना, फैजाबाद और रॉबर्ट्सगंज शामिल हैं। 2019: डिंपल 12 हजार तो अक्षय यादव 28 हजार से हार गए थे सीट 2024 में 3 सीटों पर परिवार ने संभाला मोर्चा कन्नौज: कम मार्जिन से हारी हुई कन्नौज सीट पर साल 2019 में सपा ने डिंपल यादव और भाजपा ने सुब्रत पाठक को मैदान में उतारा था। सुब्रत पाठक ने 12,353 वोट से जीत हासिल की, उन्हें 5,63,087 वोट मिले। डिंपल को 5,50,734 वोट मिले। एक बार मुलायम सिंह यादव, तीन बार अखिलेश यादव और दो बार खुद सांसद रहने के बावजूद डिंपल यादव यह सीट नहीं बचा पाईं थीं। इस बार डिंपल मैनपुरी से मैदान में हैं। सपा ने अभी कन्नौज से किसी को प्रत्याशी नहीं बनाया है। बदायूं: बदायूं की बात करें तो सपा का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट पर स

Dainik Bhaskar वांगचुक के बाद लेह में 70 महिलाएं अनशन पर बैठीं:500 महिलाओं ने उपवास रखा; लद्दाख को पूर्ण राज्य बनाने की मांग कर रहीं

इनोवेटर और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने 21 दिन की भूख हड़ताल खत्म कर दी हो, पर लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने समेत अन्य मांगें ठंडी नहीं पड़ी हैं। वांगचुक के उठने के दूसरे दिन शुक्रवार को 70 महिलाएं लेह के उसी एनडीएस मेमोरियल पार्क में माइनस 8 डिग्री सेल्सियस की सर्दी में भूख हड़ताल पर बैठ गईं। चार दिन से उनका साथ देने के लिए बैच में रोज 400-500 महिलाएं भी आ रहीं है। एक बैच जाने के बाद दूसरा बैच दिनभर के उपवास पर बैठता है। यह क्रम 6 अप्रैल तक चलेगा। इसके बाद युवा भी 10 दिन भूख-हड़ताल करेंगे। महिलाओं के अनशन के बाद 7 अप्रैल को लेह के शीर्ष निकाय के बैनर तले एलएसी के पास चांगथांग की ओर बॉर्डर मार्च या पश्मीना मार्च किया जाएगा, ताकि यह पता लग सके कि भारतीय चरागाह की कितनी भूमि पर चीन ने कब्जा कर लिया है। इस मार्च में 10,000 लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। अनशन में शामिल एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी नोरजिन एंग्मो ने शुक्रवार को भास्कर से कहा था- मैं अपने बच्चों और पोते-पोतियों के भविष्य की सुरक्षा के लिए भूख हड़ताल पर बैठी हूं। हम विकास के नाम पर लद्दाख के नाजुक पर्यावरण को खराब होते नहीं देख सकते। नोरजिन ने कहा- 20 साल पहले, नदियां इतनी साफ थीं कि हम सीधे पानी पीते थे, पर आज अत्यधिक प्रदूषित हैं। हमें उनकी रक्षा की जरूरत है। शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारी महिलाएं भाजपा का 2019 के लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र की प्रतियां लहरा रही है। उसमें भाजपा ने लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने का वादा किया था। वांगचुक बोले- PM मोदी चुनावी वादे पूरे करें भूख हड़ताल खत्म करने के बाद सोनम वांगचुक ने कहा था- ये आंदोलन का अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है। कल से महिलाएं भूख हड़ताल करेंगी। अपनी मांगों को लेकर हमें जब तक आंदोलन करना पड़े, हम करेंगे। इससे पहले मंगलवार सुबह वांगचुक ने एक वीडियो मैसेज जारी किया था। इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने चुनावी वादे पूरे करने की अपील की थी। वांगचुक ने कहा था- PM मोदी भगवान राम के भक्त हैं। उन्हें राम की 'प्राण जाए पर वचन न जाए' शिक्षा का पालन करना चाहिए। आर्टिकल 370 हटने के बाद शुरू हुआ आंदोलन केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाकर पूर्ण राज्य का दर्जा खत्म कर दिया था। इसके बाद जम्मू-कश्मीर एक अलग केंद

Dainik Bhaskar दिल्ली में INDIA की रैली, सोनिया-राहुल आएंगे:विपक्ष की 27 पार्टियां हिस्सा लेंगी, कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र बचाओ रैली नाम दिया

दिल्ली के रामलीला मैदान में आज INDIA की रैली है। सुबह 11 बजे विपक्षी गुट की 27 पार्टियां रैली में हिस्सा लेंगीं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी रैली को संबोधित करेंगे। सोनिया भी रैली का हिस्सा हो सकती हैं। रमेश ने कहा- यह कोई व्यक्ति विशेष की रैली नहीं है। इसीलिए इसे लोकतंत्र बचाओ रैली नाम दिया गया है। यह किसी एक पार्टी की रैली नहीं है, इसमें करीब 27-28 पार्टियां शामिल हैं। INDIA गुट के सभी दल इसमें हिस्सा लेंगे। रमेश ने कहा कि INDIA ब्लॉक ने 17 मार्च को मुंबई में रैली की थी और यह उनकी दूसरी बड़ी रैली है। उन्होंने कहा कि इस रैली के जरिए एकजुटता और एकता का संदेश दिया जाएगा। INDIA रैली में कौन से मुद्दे उठाए जाएंगे जयराम रमेश ने कहा कि रैली में विपक्षी नेता बढ़ती कीमतें, 45 साल में सबसे ऊंची बेरोजगारी दर, आर्थिक असमानता, सामाजिक ध्रुवीकरण और किसानों के खिलाफ अन्याय के मुद्दे उठाएंगे। उन्होंने कहा कि एक और प्रमुख मुद्दा जो उठाया जाएगा वह केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के माध्यम से विपक्ष को निशाना बनाना है। रमेश ने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों को निशाना बनाने के चलते दो मुख्यमंत्रियों और कई मंत्रियों को गिरफ्तार किया गया है। रमेश ने बताया, विपक्षी गुट की रैली में चुनावी बांड के माध्यम से जबरन वसूली और कांग्रेस को टैक्स आतंकवाद से निशाना बनाए जाने के मुद्दे भी उठाए जाएंगे। सपा, DMK, पीडीपी, आरजेडी समेत बड़ी पार्टियों के नेता शामिल होंगे इस रैली में झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, NCP (SP) चीफ शरद पवार, RJD नेता तेजस्वी यादव, CPI (M) महासचिव सीताराम येचुरी, CPI महासचिव डी राजा, नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला, PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती, समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव, DMK के तिरुचि शिवा, TMC के डेरेक ओ ब्रायन समेत कई लोग हिस्सा लेंगे। 24 मार्च को AAP ने महारैली का ऐलान किया था 24 मार्च को AAP और कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस महारैली का ऐलान किया था। AAP नेता आतिशी ने कहा था कि INDI गठबंधन की 'महा रैली' अरविंद केजरीवाल को बचाने के लिए नहीं बल्कि लोकतंत्र को बचाने के लिए आयोजित की जा रही है। विपक्ष को एकतरफा हमलों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि यह रै