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Dainik Bhaskar भास्कर ओपिनियन:सेक्युलरिज्म क्या है? आख़िर धर्मनिरपेक्षता कैसी होनी चाहिए?

चुनाव चल रहे हैं और धर्म, समाज, सब कुछ किसी न किसी रूप में चुनावी गणित के मुख्य किरदार बने हुए हैं। ऐसे में सेक्युलरिज्म या धर्मनिरपेक्षता को समझना ज़रूरी है। आख़िर ये धर्मनिरपेक्षता क्या है? अक्सर लोग इसका अर्थ शब्दकोशों में ढूँढते हैं। यह ठीक नहीं। दरअसल, धर्मनिरपेक्षता का संबंध समाज से नहीं, राज्य से है। शासन से है। हमारा समाज तो पूरी तरह धार्मिक है लेकिन शासन या राज्य धर्मनिरपेक्ष होता है। इस मायने में देखा जाए तो गांधीजी सबसे बड़े हिंदू और मौलाना आज़ाद बहुत बड़े मुसलमान थे, लेकिन दोनों धर्मनिरपेक्ष थे। कुल मिलाकर धर्मनिरपेक्षता का मतलब अधार्मिक होना या किसी धर्म को न मानना क़तई नहीं है। मोटे तौर पर धर्म एक तरह की जीवन शैली है। यह अंधे का हाथी भी नहीं कहा जा सकता और रिलीजन जैसे शब्द में सीमित या समाहित भी नहीं हो सकता। हिंदुस्तान में विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं लेकिन धार्मिक होने के बावजूद ये लोग एक ऐसे समाज में रहना चाहते हैं जिसमें शांति, भाईचारा और आपसी एकता हो। यहीं शासन की भूमिका स्पष्ट होती है। कोई राज्य या स्टेट या शासन धर्मनिरपेक्ष ( सेक्युलर) हो यह ज़रूरी है लेकिन वह भी अधार्मिक नहीं हो सकता। शासन इस तरह धर्मनिरपेक्ष हो सकता है कि वह एक धर्म को दूसरे पर हावी न होने दे। सभी धर्मों का बराबर यानी समान आदर करे। यदि कभी दो धर्मों में टकराव हो तो शासन दोनों से बराबर दूरी बना ले और फिर अपना निर्णय सुनाए। इन्हीं संदर्भों में हमारा राज्य या शासन धर्मनिरपेक्ष हो सकता है। यहाँ समाज की धर्मनिरपेक्षता की बजाय शक्ति के धर्मनिरपेक्षीकरण की बात ज़्यादा प्रासंगिक है। इस परिप्रेक्ष्य में महान राजनीतिज्ञ अटल बिहारी बाजपेयी के मुताबिक सेक्युलरिज्म को धर्मनिरपेक्ष की बजाय सर्व धर्म समभाव कहें तो ज़्यादा बेहतर होगा। इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका में सेक्युलरिज्म की परिभाषा उपयोगितावादी नैतिकता के रूप में की गई है जिसकी अभिकल्पना मानव जाति के भौतिक, आध्यात्मिक और नैतिक सुधार के लिए की गई हो। … और जो धर्म के आस्तिकता संबंधी पक्ष की न तो पुष्टि करता हो और न ही उसका खण्डन करता हो। इनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ सोशल साइंसिस में इसकी परिभाषा ज्ञान का स्वायत्त क्षेत्र स्थापित करने के ऐसे प्रयास के रूप में की गई है जो अलौकिक हो और तमाम पूर्व धारणाओं से मुक्त भी। एआर ब्लैकशीड ने पश्चिम में सेक

Dainik Bhaskar हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित:तारीख अभी तय नहीं; 31 जनवरी से जेल में है पूर्व सीएम

जमीन घोटाला मामले में पीएमएलए की विशेष अदालत में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर बुधवार को करीब 1 घंटे तक सुनवाई हुई। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। हालांकि, फैसले की तारीख अभी तय नहीं हुई है। इससे पहले 23 अप्रैल को हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी। इस सुनवाई के दौरान ED ने कोर्ट में जवाब दाखिल करने के लिए और समय मांगा था। कोर्ट ने समय देते हुए सुनवाई की तारीख 1 मई तय की थी। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची की विशेष पीएमएलए अदालत में जमानत याचिका दाखिल की थी। इस याचिका पर कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत देने से इनकार किया था। हेमंत सोरेन के पिता और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के भाई राम सोरेन का शनिवार (27 अप्रैल) सुबह निधन हो गया था। वह लंबे अरसे से बीमार चल रहे थे। चाचा के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए हेमंत सोरेन ने जमानत की अपील की थी। अब तक 8 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी जमीन घोटाला मामले में झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन समेत कई लोगों पर शिकंजा कसा गया है। अब तक इस मामले में 8 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ ही अफसर अली, भानु प्रताप प्रसाद, झामुमो नेता अंतु तिर्की, ठेकेदार विपिन सिंह, जमीन कारोबारी प्रियरंजन सहाय, मो सद्दाम, इरशाद शामिल हैं। पूछताछ में सामने आए कई तथ्य ED ने झामुमो नेता अंतु तिर्की, जमीन कारोबारी अफसर अली, विपिन सिंह, प्रिय रंजन सहाय और इरशाद अख्तर से पूछताछ की है। जांच एजेंसी ने आमने-सामने बैठाकर भी इन आरोपियों से पूछताछ की थी। ED सूत्रों के अनुसार, पूछताछ में इन्होंने स्वीकार किया है कि जमीन के दस्तावेज में जालसाजी की गई है। रांची में 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ी है जांच सोरेन के खिलाफ जांच रांची में 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ी है। ईडी का आरोप है कि इसे अवैध रूप से कब्जे में लिया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री के कथित सहयोगी बिनोद सिंह के खिलाफ 30 मार्च को यहां विशेष पीएमएलए अदालत में आरोप पत्र दायर किया था। सोरेन ने रांची की एक विशेष अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने यह आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित और उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर करने की एक सुनियोजित साजिश का ह

Dainik Bhaskar हिमाचल में बर्फबारी:बर्फ की वजह से 49 सड़कें बंद, 15 मई तक सर्द रहेगा मौसम

हिमाचल प्रदेश के ऊंचे पहाड़ी इलाकों में सोमवार से बर्फबारी हो रही है। कुल्लू,मनाली से लेकर रोहतांग पास तक बर्फ की चादर चड़ी हुई है। इस बेमौसम बर्फबारी की वजह से अटल टनल के पास 1000 के करीब गाड़ियां फंस गई। रोहतांग पास और अटल टनल के बीच करीब 2 इंच तक बर्फ जमा हो गई। राज्य में करीब 49 सड़कें और 3 नेशनल हाइवे बंद किए गए है। मौसम विभाग ने राज्य में 15 मई तक मौसम सर्द बने रहने की बात कही है।

Dainik Bhaskar अमित शाह फेक वीडियो केस, तेलंगाना CM से आज पूछताछ:8 राज्यों के 16 लोगों को भेजा गया समन; गुजरात से 2, असम से 1 शख्स गिरफ्तार

अमित शाह फेक वीडियो केस में आज दिल्ली पुलिस तेलंगाना CM रेवंत रेड्‌डी से पूछताछ करेगी। दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशंस (IFSO) यूनिट ने इस मामले में 8 राज्यों के 16 लोगों को समन भेजा है। सभी को आज IFSO यूनिट में पेश होना है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 16 में से 6 लोग तेलंगाना कांग्रेस के सदस्य हैं, जिनमें मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी शामिल हैं। पुलिस ने सभी को संबंधित दस्तावेज और सबूत के तौर पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (मोबाइल-लैपटॉप) लाने को कहा है। इस मामले में 30 मई को गुजरात के अहमदाबाद से 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया। एक आरोपी कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी का पीए और दूसरा AAP कार्यकर्ता है। इस केस में 29 अप्रैल को भी असम से एक आरोपी गिरफ्तार किया गया था। कांग्रेस ने शाह से पूछा- राहुल गांधी के फेक वीडियो पर क्या एक्शन लिया था कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने अहमदाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा कि जब राहुल गांधी के कई फेक वीडियो बनाकर वायरल किए गए थे, तब गृह मंत्री ने क्या एक्शन लिया था। खेड़ा ने कहा कि कार्रवाई करने की बजाय शाह अपने डीप-फेक वीडियो के मामले में बयान दे रहे हैं। खेड़ा ने पूछा कि शाह उन कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ कब कार्रवाई करेंगे जिन्होंने राहुल गांधी के फेक वीडियो शेयर किए थे। क्या भाजपा और कांग्रेस के लिए कानून अलग-अलग है? क्या है अमित शाह का डीपफेक वीडियो मामला? 27 अप्रैल को सोशल मीडिया पर अमित शाह का एक फेक वीडियो वायरल हुआ। इसे तेलंगाना कांग्रेस और CM रेवंत रेड्डी ने शेयर किया था। इसमें वे SC-ST और OBC के आरक्षण को खत्म करने की बात करते दिख रहे हैं। PTI की फैक्ट चैक यूनिट ने कहा कि मूल वीडियो में अमित शाह ने तेलंगाना में मुसलमानों के लिए असंवैधानिक आरक्षण हटाने की बात कही थी। इस मामले को लेकर 28 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को समन जारी किया। फेक वीडियो केस में FIR की कॉपी ... शाह ने कहा- आरक्षण पर कांग्रेस ने डाका डाला फेक वीडियो को लेकर मंगलवार 29 मई को गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, 'कांग्रेस ने उनका फेक वीडियो बनाकर वायरल किया, वह जनता को गुमराह कर रही है।' शाह ने असम के गुवाहाटी में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने ओरिजिनल और फेक वीडियो प्ले किया। गृह मंत्री ने कहा, 'दूध का दूध प

Dainik Bhaskar मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ:भारत की टी-20 वर्ल्डकप टीम तय; कोवीशील्ड से हार्ट अटैक का खतरा; SC ने पूछा- केजरीवाल चुनाव से पहले गिरफ्तार क्यों

नमस्कार, कल की बड़ी खबर टी-20 वर्ल्ड कप की रही, भारत ने टूर्नामेंट के लिए टीम का ऐलान किया है। एक खबर कोवीशील्ड वैक्सीन से जुड़ी रही, इससे बनाने वाली कंपनी ने माना है कि वैक्सीन से हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... अब कल की बड़ी खबरें... 1. SC ने ED से पूछा- केजरीवाल चुनाव से पहले गिरफ्तार क्यों, 3 मई तक 5 सवालों के जवाब मांगे दिल्ली शराब नीति केस में गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने गिरफ्तारी की टाइमिंग पर सवाल उठाए। बेंच ने पूछा कि केजरीवाल को चुनाव से ठीक पहले ही क्यों गिरफ्तार किया गया। स्वतंत्रता बहुत महत्वपूर्ण है, आप इससे इनकार नहीं कर सकते। कोर्ट ने ED से 4 और सवालों के जवाब मांगे हैं। अगली सुनवाई 3 मई को होगी। केजरीवाल से भी सवाल: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आपको ED ने जो नोटिस भेजे, आपने उन्हें नजरअंदाज क्यों किया। आप गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ यहां आए, आपने जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट क्यों नहीं गए। इस पर केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि गिरफ्तारी अवैध है इसलिए। पूरी खबर यहां पढ़ें... 2. मोदी बोले- कांग्रेस मुसलमानों को रातोंरात OBC बनाती है, मैं धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दूंगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र और तेलंगाना में रैली की। उन्होंने तेलंगाना के संगारेड्डी में कहा, 'कांग्रेस वाले मुसलमानों को रातोंरात OBC बना देते हैं। हमारे तेलंगाना में जो लिंगायत, मराठा समाज के लोग हैं, उसमें 26 जातियां ऐसी हैं, जो OBC में जाने की मांग कर रही हैं। लंबे समय से इस पर चर्चा चल रही है। कांग्रेस वालों को मराठा, लिंगायत, इन 26 जातियों को OBC बनाना मंजूर नहीं है। मैं जब तक जिंदा हूं, SC, ST और OBC की कीमत पर धर्म के आधार पर मुसलमानों को आरक्षण नहीं देने दूंगा।' तेलंगाना में कितना मुस्लिम आरक्षण : तेलंगाना में 13% मुस्लिम आबादी है। यहां मुसलमानों को 4% आरक्षण मिलता है। राज्य के CM रेवंत रेड्डी ने पिछले महीने कहा था कि कांग्रेस सरकार मुस्लिमों को शिक्षा-रोजगार में 4% आरक्षण जारी रखेगी, वहीं भाजपा इसके खिलाफ है। अप्रैल 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने SC के लिए कोटा 6% से बढ़ाकर 10% और मुसलमानों के लि

Dainik Bhaskar कोरोना टीके से रिस्क 10 लाख में महज 1 को:इसलिए घबराएं नहीं, डॉक्टर बोले- साइड इफेक्ट तो 6 महीने में ही दिख जाते

दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटिश कोर्ट में बताया है कि उसकी कोविड वैक्सीन थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) का कारण बन सकती है, जिससे खून का थक्का जमता है। भारत में इस कंपनी की कोविशील्ड के 170 करोड़ डोज लगे हैं। भास्कर ने देश-दुनिया के प्रसिद्ध डॉक्टरों से इस बारे में बात की... साइड इफेक्ट 6 माह में दिख जाते हैं, अब तो 2 साल हो चुके रांची रिम्स के न्यूरो सर्जन डॉ. विकास कुमार ने बताया कि अमेरिकन सोसाइटी ऑफ हेमेटोलॉजी के पब्लिकेशन के मुताबिक, वैक्सीन से साइड इफेक्ट का खतरा 10 लाख लोगों से 3 से 15 को ही होता है। इनमें भी 90% ठीक हो जाते हैं। इसमें मौत की आशंका सिर्फ 0.00013% ही है। यानी 10 लाख में 13 को साइड इफेक्ट है, तो इनमें से जानलेवा रिस्क सिर्फ एक को होगी। जिस टीटीएस के चलते खून का थक्का जमता है, इसके केस कोविड वैक्सीन लगने के पहले भी आ रहे थे। इसलिए यह नहीं कह सकते कि कोविशील्ड के कारण ऐसा हुआ। रही बात खून पतला होने के मामलों की तो यह समस्या पोस्ट कोविड इफेक्ट हो सकती है, न कि पोस्ट वैक्सीनेशन। कोविड में शरीर के कई हिस्से प्रभावित हुए थे। कोरोना वैक्सीन ने तो हमारी रोग प्रति​रोधक क्षमता बढ़ा दी एम्स दिल्ली के कम्युनिटी मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ. संजय राय का कहना है कि महामारी के दायरे में आने वाली प्रति दस लाख आबादी में से 15 हजार पर जान का खतरा था। ऐसे में इस आबादी को वैक्सीन देकर महामारी की घातकता 80 से 90% तक घटाई गई। ऐसे में दुष्प्रभाव के मुकाबले लाभ अधिक थे। देश में लगभग 100 प्रतिशत टीकाकरण हो गया। वहीं, एक बड़ी आबादी को नेचुरल वैक्सीनेशन होने से कोरोना आम जुकाम बन गया। चीन की तरह भारत में भी जोखिम है लेकिन घातकता कम है। अच्छी बात है कि दुष्प्रभाव की घातकता समय के साथ कम होती जाती है। कुछ मामलों में साइड इफेक्ट चिंता की बात नहीं है, क्योंकि यह बहुत दुर्लभ मामलों में हो सकता है। भारत में कोविड वैक्सीन के कारण जान जाने का कोई मामला नहीं आया है। हफ्ते में 2 दिन 1 बार खाना खाएं, एस 1-2 प्रोटीन की जांच कराएं अमेरिका के हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के साइंटिस्ट डॉ. राम उपाध्याय ने कहा कि सब का मेटाबॉलिज्म एक जैसा नहीं होता है। किसी को वैक्सीन का साइड इफेक्ट जीरो होता है तो किसी को 100%। इसीलिए वैक्सीन से जान का रिस्क 10 लाख में एक को ही है। अब सवाल है कि अपन

Dainik Bhaskar कर्नाटक सेक्स स्कैंडल- एचडी रेवन्ना और प्रज्वल को नोटिस जारी:SIT ने जांच के लिए पेश होने को कहा; दोनों नेताओं पर यौन शोषण का आरोप

कर्नाटक सेक्स स्कैंडल केस में आरोपी पूर्व PM देवेगौड़ा के विधायक बेटे एचडी रेवन्ना और सांसद पोते प्रज्वल रेवन्ना को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने मंगलवार को नोटिस जारी किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों को जांच के लिए SIT के सामने पेश होने को कहा गया है। हालांकि, पेश होने की तारीख अभी तक सामने नहीं आई है। दोनों नेताओं के खिलाफ उनकी मेड ने यौन शोषण की FIR दर्ज कराई है। केस हासन के होलेनरासीपुर थाने में दर्ज कराया गया। प्रज्वल के करीब 200 से ज्यादा वीडियो वायरल हैं। दावा है कि वायरल वीडियो में दिख रहीं महिलाएं खुद को छोड़ने की गुहार लगाती हुई रो रही हैं और प्रज्वल वीडियो शूट कर रहे हैं। मामले की जांच के लिए कर्नाटक के CM सिद्धारमैया की तरफ से SIT गठित की गई है। इसका नेतृत्व ADGP वीके सिंह कर रहे हैं। DG CID ​​सुमन डी पेन्नेकर और IPS सीमा लाटकर भी SIT में शामिल हैं। SIT जांच तक प्रज्वल पार्टी से सस्पेंड पूर्व मुख्यमंत्री और प्रज्वल के चाचा एचडी कुमारस्वामी ने मंगलवार को जनता दल (सेक्युलर) कोर कमेटी की बेंगलुरु में मीटिंग की। इसमें प्रज्वल रेवन्ना को पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया है। प्रज्वल हासन से पार्टी के मौजूदा सांसद और लोकसभा के कैंडिडेट भी हैं। हासन में 26 अप्रैल को सेकेंड फेज में वोटिंग हुई थी। इसके बाद प्रज्वल जर्मनी चले गए। कुमारस्वामी ने कहा प्रज्वल का सस्पेंशन SIT जांच पूरी होने तक है। मैंने गलत करने वाले का कभी बचाव नहीं किया, लेकिन इस विवाद में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा का नाम लेना गलत है। कांग्रेस हमारे परिवार में फूट डालने की कोशिश कर रही है। अमित शाह बोले- प्रज्वल पर सख्त एक्शन लिया जाएगा गृह मंत्री अमित शाह ने प्रज्वल से जुड़े सवाल पर मंगलवार को गुवाहाटी में कहा- BJP मातृशक्ति के साथ है। इस जांच को आगे बढ़ाएं। जद (एस) पार्टी ने प्रज्वल को सस्पेंड कर दिया है। उन पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। कर्नाटक BJP अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा ने भी कहा है BJP का रुख स्पष्ट है। कोई भी राजनीतिक दल इस मामले में समर्थन नहीं करेगा। सेक्स स्कैंडल के केस में प्रियंका गांधी ने PM से सवाल पूछा प्रियंका गांधी ने X पर पोस्ट में लिखा- जिस नेता के कंधे पर हाथ रखकर PM फोटो खिंचवाते हैं। जिस नेता का चुनाव प्रचार करने 10 दिन पहले खुद जाते हैं। मंच पर उसकी तारीफ करते है

Dainik Bhaskar पहले फेज में 66.14% तो दूसरे चरण में 66.71% मतदान:चुनाव आयोग ने फाइनल वोटिंग डेटा जारी किया, विपक्ष का सवाल- इतनी देरी क्यों हुई?

चुनाव आयोग ने मंगलवार को लोकसभा के पहले और दूसरे फेज की वोटिंग का फाइनल डेटा जारी किया। पहले चरण में 66.14 प्रतिशत और दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत मतदान हुआ। चुनाव आयोग के पोल पैनल के मुताबिक, पहले चरण में, 66.22 प्रतिशत पुरुष और 66.07 महिला मतदाता मतदान करने आए। थर्ड जेंडर वोटर्स का मतदान प्रतिशत 31.32% रहा। दूसरे चरण में पुरुष मतदान 66.99%, जबकि महिला मतदान 66.42% रहा। थर्ड जेंडर की वोटिंग 23.86% रही। विपक्षी दल कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और CPM ने देरी से फाइनल डेटा आने पर चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए। विपक्ष का कहना है कि आमतौर पर यह आंकड़ा मतदान के 24 घंटों के भीतर जारी कर दिया जाता है। लेकिन इस बार यह काफी देर से जारी हुआ है। दरअसल, 18वीं लोकसभा के चुनाव के लिए फर्स्ट फेज की वोटिंग 102 सीटों पर 19 अप्रैल को हुई थी। वहीं, 88 सीटों के लिए सेकंड फेज की वोटिंग 26 अप्रैल को हुई थी। डेरेक ओ ब्रायन कहा- आंकड़े में लगभग 6 प्रतिशत का फर्क है TMC नेता डेरेक ओ ब्रायन ने चुनाव आयोग के आंकड़ों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सेकेंड फेज के खत्म होने के चार दिन बाद फाइनल डेटा जारी किया। चुनाव आयोग द्वारा 4 दिन पहले जारी किए गए आंकड़े में 5.75% की बढ़ोतरी हुई है। क्या यह नॉर्मल है? या फिर कुछ मिस कर रहा हूं? सीताराम येचुरी बोले- वोटरों की संख्या क्यों नहीं बताते? CPI(M) नेता सीताराम येचुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि ECI के पहले दो चरणों में मतदान का आंकड़ा शुरुआती आंकड़ों से काफी ज्यादा है। उन्होंने पूछा कि हर संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की पूरी संख्या क्यों नहीं बताई जाती? जब तक यह आंकड़ा पता न चले, आंकड़ा बेकार है। येचुरी ने कहा कि नतीजों में हेरफेर की आशंका बनी हुई है, क्योंकि गिनती के समय कुल मतदाता संख्या में बदलाव किया जा सकता है। 2014 तक प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या हमेशा ECI वेबसाइट पर उपलब्ध थी। आयोग को पारदर्शी होना चाहिए और इस डेटा को बाहर रखना चाहिए। पारदर्शिता होना जरूरी है: जयराम रमेश इस आंकड़े के आने से पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ECI को चुनाव से जुड़े सभी आंकड़े पारदर्शी तरीके के साथ सार्वजनिक करना चाहिए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स में लिखा कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि पहले चरण के मतदान के 11 दिन बाद और दू

Dainik Bhaskar भोपाल के निजी स्कूल के हॉस्टल में बच्ची से रेप:8 साल की मासूम ने मां से कहा- दाढ़ी वाले अंकल ने गलत काम किया

भोपाल के मिसरोद थाना क्षेत्र में दूसरी कक्षा की 8 साल की बच्ची के साथ ज्ञानगंगा बोर्डिंग स्कूल के हॉस्टल में दुष्कर्म का मामला सामने आया है। बच्ची को दाल-चावल में कुछ नशीला पदार्थ खिलाया गया, जिससे वह बेसुध हो गई। होश आया तो एक व्यक्ति उसके साथ गलत काम कर रहा था, जबकि एक अन्य व्यक्ति पास में ही खड़ा था। घटना चार से पांच दिन पुरानी बताई जा रही है। बच्ची 15 दिन पहले ही हॉस्टल में आई थी। मंगलवार रात पुलिस ने धारा 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर की है। हॉस्टल वार्डन समेत तीन लोगों को आरोपी बनाया गया है। बच्ची की मां का आरोप है कि मिसरोद थाने के एसआई प्रकाश राजपूत ने हॉस्पिटल में शिकायत दर्ज न करने का दबाव बनाया था। एसआई श्वेता शर्मा का कहना है कि इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। मिसरोद पुलिस के मुताबिक बच्ची के पेरेंट्स ने 15 दिन पहले ही हॉस्टल में दाखिला कराया है। बच्ची के पिता बिजनेसमैन और मां गृहिणी हैं। मां ने कहा- वीडियो कॉल पर बोली कि उसे ब्लीडिंग हुई बच्ची की मां ने बताया कि पिछले रविवार को वह बच्ची को हॉस्टल से बाहर घुमाने लाई थीं। हर रविवार को ही परिजन बच्चों से मिल सकते हैं। इस रविवार को बच्ची से फोन पर बात की तो वह रोने लगी। वीडियो कॉल पर बोली, उसे ब्लीडिंग हुई है। जब मैंने कुछ पूछा तो वार्डन ने फोन कट कर दिया। मैं तुरंत सोमवार को इंदौर से स्कूल पहुंची। फिर बच्ची को लेकर जेपी अस्पताल गई, जहां चेकअप के बाद डॉक्टर ने बताया कि बच्ची के प्राइवेट पार्ट में सूजन और ब्लीडिंग हुई है। बच्ची की मां का आरोप है कि स्कूल के ऑनर ने गलत काम किया है। मां का बयान- बच्ची बोली, दाढ़ी वाले अंकल ने किया गलत काम बच्ची की मां ने बताया कि मैं बेटी से मिली तो वह लिपटकर रोने लगी। उसे बाहर लेकर आई तो उसने कार में बताया कि चार-पांच दिन पहले शाम को उसने दाल-चावल खाए थे। बाद में हॉस्टल की वार्डन ने उसे दोबारा दाल-चावल खिलाए थे। रात में जब नींद खुली तो वह अपने कमरे और बिस्तर पर नहीं थी। एक मोटे से दाढ़ी वाले अंकल उसके साथ गलत काम कर रहे थे। पास में खड़े अंकल बोल रहे थे कि मोदी साहब, बच्ची को होश आ गया है। अंकल ने दो-तीन बार बोला। इसके बाद मेरी आंख पर हाथ रख दिया। मेरे प्राइवेट पार्ट से ब्लड आ रहा था। ये भी पढ़ें... स्कूल बस में बच्ची से रेप केस में खुलास

Dainik Bhaskar इवेंट कैलेंडर:मई में होगी लोकसभा चुनाव में 4 और फेज की वोटिंग, IP-2024 का फिनाले भी; जानिए आपके काम की तारीखें

मई का महीने में लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व की धूम बरकरार रहेगी। 19 अप्रैल से शुरू हुए लोकसभा चुनाव के 4 फेज की वोटिंग मई में होनी है। वहीं, IPL 2024 का फिनाले भी इसी महीने खेला जाएगा। अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त से चारधाम यात्रा का आगाज और बैंकों ... जानिए मई में अपने काम की तारीखें...

Dainik Bhaskar SC-ST समुदाय के 4 संत महामंडलेश्वर नियुक्त:आयोजक बोले- 1300 साल में ऐसा पहली बार हुआ, समानता के सिद्धांत को बढ़ावा देने के लिए फैसला

संत समाज के इतिहास में पहली बार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के संतों को महामंडलेश्वर बनाया गया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, अहमदाबाद द्वारा आयोजित समारोह में गुजरात के साधु-संतों की मौजूदगी में गुजरात के 4 संतों को महामंडलेश्वर की पदवी दी गई। पूजा, जप और अभिषेक के बाद संतों-महंतों ने चारों महामंडलेश्वर का जल, दूध, पंचामृत, शहद आदि से अभिषेक किया। नेशनल इंटेलेक्चुअल एडवाइजरी के मुख्य रणनीतिकार राजेश शुक्ला ने बताया कि ये 1300 साल में पहली बार है कि जब SC-ST समुदाय के संतों को महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई। हिंदू धर्म में समानता के सिद्धांत को बढ़ावा देने के लिए ये फैसला किया गया है। 'अखाड़े के जो भी नियम होंगे, उनका पालन किया जाएगा' शुक्ला के मुताबिक, इसके लिए हम 4 साल से प्रयास कर रहे थे। हमारा उद्देश्य है कि हिंदू धर्म मुक्त हो यानी सनातन धर्म भाषा और क्षेत्रवाद की बेड़ियों से आजाद हो। अगले 3-4 साल में हम ऐसे 100 महामंडलेश्वर बनवाएंगे। शुक्ला ने बताया कि समता मूलक समाज की स्थापना के लिए संत समाज ने सदियों पुरानी परंपराओं को बदलने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसमें हर संत-महंत का सहयोग मिला। ये एक मुश्किल काम था, लेकिन बहुत आसानी से हो गया। आज से चारों संत बिना किसी भेदभाव के सभी लोगों के साथ रहेंगे। अखाड़े के जो भी नियम होंगे उनका पालन किया जाएगा। इन संतों को महामंडलेश्वर बनाया गया संत श्री शनलदास मंगलदास, दासी जीवन की जगह, गोंडल, राजकोट संत श्री शामलदास प्रेमदास, कबीर मंदिर, भावनगर संत श्री किरणदास, वाल्मीकि अखाड़ा, भावनगर संत श्री कृष्णवदन महाराज, संत अकल साहेब समाधि स्थान, सुरेंद्रनगर कार्यक्रम में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महासचिव महंत हरि गिरि महाराज, स्वामीनारायण के महंत पुरुषोत्तमदास महाराज शामिल हुए। ये खबर भी पढ़ें... IMA चीफ बोले- भ्रूण की लिंग जांच से रोक हटे:गर्भ में लड़की की जानकारी मिलेगी तो पैदा होने के बाद उसकी जान बचा सकते हैं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रमुख आरवी अशोकन ने कहा है कि भ्रूण का लिंग पता करने पर रोक लगाने से कन्या भ्रूण हत्या तो रुक सकती है, लेकिन इससे बच्ची के पैदा होने के बाद उसकी हत्या नहीं रोकी जा सकती। ये बात अशोकन ने न्यूज एजेंसी PTI को दिए इंटरव्यू मे

Dainik Bhaskar सुप्रीम कोर्ट बोला- निजीकरण और राष्ट्रीय हितों की व्याख्या जरूरी:प्राइवेट प्रॉपर्टी समाज का संसाधन नहीं, सभी प्रॉपर्टी समाज के संसाधन, ये अलग-अलग नजरिया

MHADA केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा- कोई भी प्राइवेट प्रॉपर्टी समाज का भौतिक संसाधन नहीं है और सभी प्राइवेट प्रॉपर्टी समाज के भौतिक संसाधन है। ये दो अलग-अलग दृष्टिकोण हैं। निजीकरण और राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए समय के हिसाब से इनकी व्याख्या की जरूरत है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 9 जजों की संविधान पीठ ने यह भी कहा कि प्राइवेट और पब्लिक प्रॉपर्टी के बीच सख्त विरोधाभास नहीं हो सकता है। कोर्ट ने कहा- आज के समय में अनुच्छेद 39 की व्याख्या नहीं की जा सकती है। समाजवाद और साम्यवाद के बेजोड़ एजेंडे को इन योजनाओं में पढ़ा जा सकता है। यह हमारा संविधान नहीं है। हम आज भी प्राइवेट प्रॉपर्टी की रक्षा करते हैं। हम अभी भी व्यवसाय जारी रखने के अधिकार की रक्षा करते हैं। हम अभी भी इसे राष्ट्रीय एजेंडे के हिस्से के रूप में चाहते हैं। मैं इसे सरकार का एजेंडा नहीं कहता। सरकार चाहे किसी भी पार्टी की हो, 1990 से निजी क्षेत्र द्वारा निवेश को प्रोत्साहित करने की नीति रही है। अब अगर वास्तव में हमें उत्पादन बढ़ाना है, तो निजी निवेश को प्रोत्साहित करना होगा। इसलिए भारत आज क्या है और भारत कल क्या आगे बढ़ रहा है, इसका ध्यान रखने के लिए हमारी व्याख्या नई होनी चाहिए। पीठ ने कहा कि 1950 के दशक में किसी ने कल्पना नहीं की थी कि बिजली वितरण बड़े पैमाने पर निजी कंपनियों द्वारा किया जाएगा और वे इस तथ्य के बारे में सोच भी नहीं सकते थे कि एक निजी कंपनी सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण करेगी। सुप्रीम कोर्ट में 9 जजों की संविधान पीठ दलीलें सुन रही थी कि क्या निजी संपत्तियों को भी संविधान के अनुच्छेद 39 (बी) के तहत समाज का भौतिक संसाधन माना जा सकता है। राज्य द्वारा इसे अपने अधिकार में लेकर लोगों को बांटा जा सकता है? 22 साल बाद 32 साल पुरानी याचिका पर सुनवाई जारी सुप्रीम कोर्ट में 32 साल पुरानी याचिका पर सुनवाई हो रही है। याचिका प्राइवेट प्रॉपर्टी पर किसी समुदाय या संगठन के हक को लेकर है। इससे पहले इस मामले में तीन सदस्यों और 7 सदस्यों वाली पीठ सुनवाई कर चुकी है। 1996 में तीन जजों की बेंच ने इसे 5 जजों की बेंच के पास भेजा था। उस बेंच ने साल 2001 में 7 जजों की बेंच के पास भेजा था। मामला नहीं सुलझा तो साल 2002 में इसे 9 जजों की बेंच में भेजा गया था। अब 22 साल

Dainik Bhaskar Meta की वर्किंग सरकारी विभाग से भी बदतर- दिल्ली HC:कहा- कंपनी को अपनी व्यवस्था सुधारनी होगी; हार्पर बाजार इंस्टाग्राम पेज ब्लॉक करने का मामला

दिल्ली हाई कोर्ट ने फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा (Meta) को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि मेटा की कार्यप्रणाली सरकारी विभाग से भी बदतर है। उसको अपनी व्यवस्था दुरुस्त करनी होगी। मंगलवार (30 अप्रैल) को एक्टिंग सीजे मनमोहन और जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा की बेंच ने टीवी टुडे नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड की उस याचिका पर सुनवाई की, जिसमें कंपनी ने कहा है कि तीसरे पक्ष की शिकायत पर उसके इंस्टाग्राम पेज हार्पर बाजार इंडिया को ब्लॉक किया गया। थर्ड पार्टी का आरोप है कि टीवी टुडे नेटवर्क ने कॉपीराइट का उल्लंघन किया है। साथ ही टीवी टुडे नेटवर्क ने कोर्ट में इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी 2021 के नियम 3(1)(सी) की संवैधानिकता को भी चुनौती दी है। Meta की कार्यप्रणाली एक सरकारी विभाग से भी बदतर सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम की पेरेंट कंपनी मेटा की कार्यप्रणाली एक सरकारी विभाग से भी बदतर है। क्योंकि ये अपनी ब्लॉकिंग के खिलाफ मीडिया ग्रुप टीवी टुडे नेटवर्क की याचिका का उचित जवाब देने में विफल रही। मेटा को सावधान रहना होगा। आपका सिस्टम काम नहीं कर रहा है। हम एक आदेश पारित करेंगे और आपको फटकार लगाएंगे कि फिर ऐसा न करें। कृपया समझें अगर सिस्टम काम नहीं करेगा तो नियम अमान्य हो जाएगा। हमारी शिकायत पर निवारण नहीं हुआ: टीवी टुडे कोर्ट में टीवी टुडे के वकील ने मेटा को भेजा ई-मेल दिखाते हुए कहा कि हमने अपनी शिकायत के बारे में मेटा को लिखा था। साथ ही ग्रीवेंस रिड्रेसल ऑफिसर से कॉन्टैक्ट किया, लेकिन हमें सही चैनल नहीं लिखे जाने का रिप्लाई आया। इस पर मेटा के वकील ने कहा कि टीवी टुडे के इंस्टाग्राम पेज को तीन कॉपीराइट शिकायतों के बाद ब्लॉक कर दिया गया था। कंपनी का दिखाया ई-मेल शिकायत को रिजेक्ट करने का नहीं है। ये ऑटो जनरेटेड रिप्लाई था। इस पर बेंच ने टीवी टुडे के वकील से कहा कि आप मेटा के वकील के सामने फिर से ई-मेल के जरिए शिकायत करें। कुछ देर बाद टीवी टुडे वकील ने बेंच से कहा कि हमारी शिकायत को फिर से खारिज कर दिया गया है। अड़ियल रवैया नहीं अपना सकती है Meta इसके बाद नाराज बेंच ने मेटा के वकील से कहा कि आप हमारे साथ अड़ियल रवैया नहीं अपना सकते हैं। हम जो कह रहे हैं उसका पालन करें। आप समझ नहीं पा रहे हैं कि हम क्या कह रहे हैं। हम आपके साथ हद से ज्यादा उदार हैं। हमने आपको

Dainik Bhaskar मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाने का मामला:CBI की चार्जशीट में दावा- पुलिस ने कुकी-जो महिलाओं को मैतेई भीड़ के बीच छोड़ा था

मणिपुर में पिछले साल हिंसा के बीच कुकी-जो समुदाय की दो महिलाओं को निवस्त्र करके घुमाया गया था। मई में हुई इस वारदात का वीडियो जुलाई में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले में CBI ने चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट में दावा किया गया है कि मणिपुर पुलिस के अधिकारी इन महिलाओं को कांगपोकपी जिले में 1000 मैतेई प्रदर्शकों के बीच लेकर पहुंचे थे। चार्जशीट में कहा गया है कि इन महिलाओं ने पुलिस की गाड़ी में शरण मांगी थी। लेकिन, पुलिस ने दोनों महिलाओं को भीड़ के बीच छोड़ दिया, जिसके बाद भीड़ ने उन्हें नग्न करके परेड कराई और फिर उनके साथ यौन शोषण किया। इन महिलाओं में से एक कारगिल युद्ध लड़ चुके सैनिक की पत्नी थी। महिलाओं ने पुलिस से सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने में मदद मांगी थी CBI ने पिछले साल 16 अक्टूबर को गुवाहाटी के CBI कोर्ट में स्पेशल जज के सामने चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें छह लोगों को आरोपी बनाया है। इस चार्जशीट में कहा गया है कि दोनेां महिलाएं 900 से 1000 लोगों की भीड़ से भागने की कोशिश कर रही थीं। इस भीड़ के पास AK राइफल्स, SLR, इन्सास और .303 राइफल्स भी थीं। चार्जशीट की जानकारी देने वाले अधिकारियों ने बताया कि महिलाओं ने पुलिसवालों से सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के लिए मदद मांगी थी, लेकिन पुलिसवालों ने महिलाओं को कहा कि उनके पास गाड़ी की चाबी नहीं है। पुलिस ने महिलाओं की कोई मदद नहीं की। 4 मई को थोउबाल जिले में हुई थी घटना महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना 4 मई को थोउबाल जिले में हुई थी। इसका वीडियो 19 जुलाई को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कुछ लोग दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके ले गए और उनसे अश्लील हरकतें कीं। एक पीड़ित महिला के पति ने बताया- 'हजार लोगों की भीड़ ने गांव पर हमला किया था। मैं भीड़ से अपनी पत्नी और गांव वालों को नहीं बचा पाया। पुलिसवालों ने भी हमें सुरक्षा नहीं दी। भीड़ तीन घंटे तक दरिंदगी करती रही। मेरी पत्नी ने किसी तरह एक गांव में पनाह ली।' वहीं, वीडियो में दिख रही दूसरी महिला की मां ने कहा- 'अब हम कभी अपने गांव नहीं लौटेंगे। वहां मेरे छोटे लड़के की गोली मारकर हत्या कर दी गई, मेरी बेटी को शर्मिंदा किया गया। अब मेरे लिए सब कुछ खत्म हो चुका है।'

Dainik Bhaskar बॉम्बे HC- कई बार रेप से लड़की निम्फोमेनियाक हुई:कहा- आरोपी को जमानत देना पीड़ित के घावों को बढ़ाने जैसा; अपराध अंतरात्मा को झकझोरने वाला

बॉम्बे हाईकोर्ट ने लड़की के साथ कई बार रेप करने वाले आरोप को जमानत देने से इनकार कर दिया। लड़की जब 10 साल की थी आरोपी तब से उसके साथ रेप कर रहा था। कोर्ट ने कहा, ''बार-बार रेप के कारण लड़की निम्फोमेनियाक हो गई है। आरोपी को जमानत देना उसके घावों को और अधिक बढ़ाने के समान होगा जो अभी भी उसके दिमाग, शरीर और आत्मा में ताजा हैं।'' मामले की सुनवाई जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की सिंगल बेच में हुई। जस्टिस ने कहा कि अपराध न केवल एक विवेकशील व्यक्ति की अंतरात्मा को झकझोरने वाला है, बल्कि अप्रिय भी है। इस भयानक अपराध के कारण लड़की निम्फोमेनियाक बन गई है। कोर्ट ने लड़की की आपबीती की लिखी 27 पेज की डायरी का हवाला दिया और कहा, "आरोपी ने हाथों लड़की से जो दरिंदगी हुई है, उसके लड़की की मानसिक, मनोवैज्ञानिक और शारीरिक स्थिति का बताने के लिए शब्द कम पड़ जाएंगे।'' 10 साल की उम्र से कर रहा था रेप, डायरी से हुआ खुलासा परिवार ने बताया कि, साल 2021 में लड़की की उम्र 17 साल थी। उस दौरान वो एक लड़के का साथ भाग गई थी। जब हमने उसके कमरे की तलाशी ली थी तो एक डायरी मिली, जिसमें लड़की के साथ कई बार रेप की बात सामने आई। परिवार के मुताबिक, डायरी में लड़की ने जिक्र किया है कि वो जब चौथी कक्षा (10 साल) की थी तबसे आरोपी उसका रेप कर रहा है। पीड़ित परिवार ने कोर्ट में कहा कि लड़की का पिता दुबई में काम करता था। आरोपी ने इसी बात का फायदा उठाकर कई बार रेप किया। सेक्स पिल की गोली देता, आरोपी की पत्नी भी शामिल पीड़ित परिवार के मुताबिक, लड़की की डायरी में लिखा है कि आरोपी उसे सेक्स पिल्स दिया करता था, जिससे उसकी यौन उत्तेजित बढ़ जाती थी और फिर गलत काम करता था। आरोपी की पत्नी को इस घटना की पूरी जानकारी थी। वो अपने पति का साथ देती थी। परिवार ने कहा कि, डायरी मिलने के बाद साल 2021 में आरोपी और उसकी पत्नी के खिलाफ के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था। बाद में विशेष अदालत ने आरोपी की पत्नी को जमानत दे दी थी, लेकिन आरोपी की जमानत खारिज कर दी थी। इसके बाद आरोपी ने जमानत के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने कहा- आरोपी की पत्नी भी दोषी जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि आरोपी की पत्नी ने अपने पति की इस क्राइम में मदद की। उसे उकसाया भी। वह भी समान रूप से दोषी नजर आती है। जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि यौन श